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Raja Bhaiya: कुंडा के विधायक रघुराज प्रताप सिंह के बारे में जानें सब कुछ

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रघुराज प्रताप सिंह यानी राजा भैया प्रतापगढ़ जिले की कुंडा विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक हैं. राजा भैया की पहचान एक बाहुबली नेता की है.

साल 2002 में मायावती के शासन के दौरान उन्हें आतंकवादी घोषित कर पोटा कानून के तहत जेल में डाल दिया गया था. उन पर डकैती, हत्या की कोशिश और अपहरण जैसे अपराधों के संबंध में मामले दर्ज हैं.

Raja Bhaiya: रघुराज प्रताप सिंह (Raghuraj Pratap Singh) यानी राजा भैया (Raja Bhaiya) उत्तर प्रदेश में प्रतापगढ़ (Pratapgarh) जिले की कुंडा विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक हैं.

राजा भैया की पहचान एक बाहुबली नेता की है. राजा भैया की कुंडा विधानसभा सीट (Kunda Assembly Seat) पर कैसी पकड़ है, इस बात का अंजादा इसी बात से लगाया जा सकता है कि साल 2007 के विधानसभा चुनाव (Assembly Polls) में विधानसभा क्षेत्र में हुए कुल मतदान के करीब आधे वोट सिर्फ उनके पक्ष में पड़े थे. जबकि वह निर्दलीय चुनाव (Independent Candidate) लड़े और उन्होंने बहुजन समाज पार्टी (BSP) के उम्मीदवार शिव प्रकाश मिश्रा को हराया.

सिर्फ कुंडा ही नहीं उनका प्रतापगढ़ जिले और आसपास की 5 विधानसभा सीटों पर अच्छा खासा दबदबा है. यही नहीं बिहार की कुछ सीटों पर भी राजा भैया की पकड़ है. साल 1995 में उन्होंने भानवी कुमारी सिंह से शादी (Raja Bhaiya’s Wife Bhanvi Kumari Singh) की और दोनों के दो बेटे व दो बेटियों सहित चार बच्चे हैं.

Raja Bhaiya Aka Raghuraj Pratap Singh’s Life Story

रघुराज प्रताप सिंह को राजा भैया के नाम से भी जाना जाता है. राजा भैया का जन्म 31 अक्टूबर 1969 को कलकत्ता (कोलकाता) में हुआ था. उनके पिता राजा उदय प्रताप सिंह (Raja Bhaiya’s Father Raja Uday Pratap Singh) अवध एस्टेट के शाही परिवार से हैं. राजा भैया के दादा पंत नगर कृषि विश्वविद्यालय (Pant Nagar Agriculture University) के संस्थापक वाइस-चांसलर (vice-chancellor) थे और बाद में वह हिमाचल प्रदेश के दूसरे राज्यपाल बने.

राजनीति में करियर बनाने वाले रघुराज प्रताप सिंह अपने परिवार के पहले व्यक्ति हैं. रघुराज प्रताप सिंह के दादा ने अपने भतीजे और राजा भैया के पिता राजा उदय प्रताप सिंह को पुत्र के रूप में अपनाया था.

राजा भैया का राजनीतिक करियर (Raja Bhaiya’s Political Career)

साल 2002 में भाजपा नेता पूरन सिंह बुंदेला ने राजा भैया पर कथित तौर पर अपहरण और धमकी देने के आरोप लगाते हुए मामला दर्ज करवाया.

तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती (Mayawati) ने 2 नवंबर 2002 को तड़के 4 बजे रघुराज प्रताप सिंह को गिरफ्तार करवाया. बाद में मायावती के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार ने राजा भैया को आतंकवादी घोषित कर दिया और राजा भैया, उनके पिता उदय प्रताप सिंह और चचेरे भाई अक्षय प्रताप सिंह को पोटा कानून के तहत जेल में डाल दिया गया. 2002 और 2007 के बाद 2012 के विधानसभा चुनाव में भी राजा भैया निर्दलीय विधायक के रूप में चुनाव जीते और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की सरकार में खाद्य व नागरिक आपूर्ति मंत्री बने.

इससे पहले वह कल्याण सिंह (Kalyan Singh) की सरकार में भी मंत्री रहे. 2017 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतरे राजा भैया ने अपने नजदीकी प्रतिद्वंदी भाजपा के जानकी शरण को 1 लाख से ज्यादा मतों के अंतर से हराया था. 2017 में जीत के साथ ही वह लगातार छठी बार कुंडा विधानसभा से जीतकर विधानसभा पहुंचे.

साल 2018 में उन्होंने अपनी राजनीतिक पार्टी का गठन किया और उसका नाम जनसत्ता दल लोकतांत्रित (Jansatta Conversation Loktantrik) रखा. उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनावों में अपने दो प्रत्याशी भी मैदान में उतारे थे.

राजा भैया की शिक्षा और पेशा (Educational Qualification and Occupation of Raja Bhaiya)

राजा भैया ने साल 1989 में लखनऊ विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन किया.

विधानसभा चुनाव 2017 में दिए हलफनामे के अनुसार उनका व्यवसाय खेती-किसानी है. यही नहीं उन्होंने हलफनामे में बताया कि उनकी पत्नी भानवी कुमारी सिंह का व्यवसाय खेती और बिजनेस है.

राजा भैया की कुल आमदनी (Raja Bhaiya Bear Worth)

साल 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग (Election Commission) में दर्ज उनके हलफनामे के अनुसार उनकी कुल संपत्ति 14 करोड़ 25 लाख से अधिक थी.

साल 2016-17 में राजा भैया ने 20 लाख से अधिक की इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल की थी. इसी साल उनकी पत्नी ने 13 लाख रुपये से अधिक की इनकम टैक्स रिटर्न फाइल की थी. उत्तर प्रदेश के विधायकों को लगभग 1.87 लाख रुपये का मानदेय दिया जाता है. इसके अलावा अन्य भत्ते भी उन्हें मिलते हैं. एक विधायक के तौर पर राजा भैया (Raja Bhaiya’s Salary) को भी वह सब मिलता है.

राजा भैया के खिलाफ दर्ज मामले (Cases Registered on Raja Bhaiya)

विधानसभा चुनाव 2017 में चुनाव आयोग के पास दर्ज अपने हलफनामे में स्वयं रघुराज प्रताप सिंह ने बताया कि उनके खिलाफ धारा 395, 397, 307, 364, 323, 325, 504, 506, 427, 34 के तहत मामले दर्ज हैं.

इनमें डकैती, हत्या की कोशिश और अपहरण जैसे अपराधों का जिक्र है.

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